Tuesday, September 18, 2018

气候风险阴云笼罩达沃斯论坛

球商界与政界领袖都表示,极端天气事件可能成为2018年全球商业与贸易发展的最大威胁。谁曾料想,十年前人们还认为最大的风险应该来自资产价格崩盘和石油、天然气价格飙升等经济因素。

1月23日,一年一度的世界经济论坛( ,简称 )在瑞士高山度假小镇达沃斯召开。而一周之前该论坛发布的《2018年全球风险报告》显示,全球经济领袖已经连续第二年将极端天气评为目前全球面临的最大威胁。

通过对商界、政府和民间团体近1000名专家的调查,这份最新版报告发现,自从该报告于13年前开始发布以来,人们对风险的认知已经发生了显著变化。相比于市场崩溃、系统性金融失灵和财政危机,近些年来人们担心更多的是极端天气、自然灾害和无法缓解的气候变化风险。2010年以前,环境风险甚至还不能排进这个风险名单的前五名。而到了2018年,在排名前五的风险中,三个都是环境风险。

2018年报告主要关注了五类环境风险,分别是:极端天气事件和气温变化;生物多样性流失加剧;大气、土壤和水资源污染;气候变化减缓和适应措施失灵;以及低碳转型相关风险。无论从发生的概率还是产生的影响来看,上述风险在这份最新报告中都排名靠前。

走向危机边缘

过去十年间,这五类环境风险的排名都在稳步上升。该报告作者称:“2017年是飓风灾难和极端高温尤其突出的一年,而二氧化碳排放量也在四年内首次出现上升。我们已经把地球推向了崩溃的边缘,环境破坏已经越来越明显。”

本次调查进行期间,哈维、伊尔马和玛利亚等大西洋飓风正在美国、加勒比和波多黎各地区一带肆虐。据统计,2017年大西洋飓风季让美国付出了前所未有的代价。据估计,17场有命名的风暴共造成损失超过2000亿美元。来自瑞士再保险公司的数据显示,2017年自然和人为灾害造成的经济损失总计达到3060亿美元,较上年几乎翻了一番。

2017年经历的坏消息还远不止极端天气一个。这一年,全球二氧化碳排放量出现了多年来的首次上升,从而使《巴黎气候协定》中的“保证全球气温与工业化前水平相比上升不超过2摄氏度的目标”受到了威胁。

世界经济论坛表示,“专家们正在为下一个高风险年做准备”,并指出,全球风险也呈现出上升的趋势。该论坛表示:“我们就2018年风险的发展轨迹问题采访了将近1000人,其中有59%的受访者认为风险会加剧,仅有7%的受访者认为风险会下降。”

缺少切实行动

苏黎世保险集团每年都协助世界经济论坛撰写年度风险报告。该集团首席风险官塞西莉亚·雷耶斯表示,虽然气候与其他环境风险已经连续七年被世界经济论坛评为全球最大风险之一,但是在稀缺自然资源(如水资源)管理和环境威胁适应力构建等方面,目前的举措仍需大力加强。

发展中国家尤其如此,他们对全球变暖的“贡献”最小,但遭受的影响最深重。应对气候变化所需的资金只能通过全球债券与股票市场筹集,但是目前这些资金却基本被投资在了化石燃料领域。正如专家们去年11月在波恩气候峰会上所说的那样,提高气候变化行动目标和募集所需巨额资金两件事之间是密不可分的,政府和金融部门必须将其视为同一个挑战。

风险管理是这个挑战的主要组成部分。雷耶斯认为:“风险管理者必须全面了解全球供应链上的每一个风险点,从而找出潜在的风险漏洞。如今在进行风险审计时,不仅要考虑财产与基础设施破坏、员工安全等传统环境问题,更要将资源稀缺性和社会挑战等问题也纳入考量范围之内。”

Thursday, September 6, 2018

पीएम मोदी पहुंचे मिर्जापुर,साल पुरानी बाण सागर परियोजना का करेंगे लोकार्पण

मिर्जापुर. वाराणसी में रात्रि विश्राम के बाद पीएम मोदी ने सुबह 9 बजे से कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। बैठक खत्म होने के बाद पीएम मोदी मिर्जापुर के लिए निकल गए। करीब सुबह 10.30 पर वह मिर्जापुर पहुंच गए हैं। मिर्जापुर में मुख्य रूप से पीएम 40 साल पुरानी बाण सागर परियोजना का लोकार्पण करेंगे। इसके साथ ही कई परियोजनाओं के शिलान्यास का कार्यक्रम भी है। सीएम योगी आदित्यनाथ भी इस दौरान उनके साथ रहेंगे।

1978 में किया गया था बाण सागर परियोजना का शिलान्यास: बाणसागर परियोजना का शिलान्यास 14 मई 1978 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने किया था। उस वक्त इस परियोजना की लागत 300 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 35 सौ करोड़ हो गई। परियोजना से 150 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। डेढ़ लाख से ज्यादा किसानों को इससे फायदा पहुंचेगा, यूपी में मिर्जापुर और इलाहाबाद के किसानों को फायदा होगा। इसके साथ ही पीएम मोदी चुनार पुल का लोकार्पण करेंगे। बालू घाट स्थित गंगा नदी पर 923.68 मीटर लंबे पुल की नींव 13 फरवरी 2007 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने रखी थी। चुनार पुल के शिलान्यास के दौरान पुल की लागत 39 करोड़ 45 लाख 11 हजार थी, अब यह बढ़कर 60 करोड़  29 लाख 51 हजार हो गई। इससे मिर्जापुर से वाराणसी आने वाले यात्रियों को 20 किमी की यात्रा कम करनी होगी और जाम से बचेंगे।

मेडिकल कालेज का शिलान्यास: मिर्जापुर में डीएम आवास से महज 500 मीटर की दूरी पर पिपराडाड स्थित कृषि विभाग की जमीन पर 250 करोड़ की लागत से मेडिकल कालेज का निर्माण कराया जाना है। इसके लिए कृषि विभाग जमीन को मुफ्त में उपलब्ध कराएगा। पीएम इसका भी शिलान्यास करेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री राज्य में 108 जन औषधि केन्द्रों का उद्घाटन भी करेंगे।दौर।  मप्र में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस और भाजपा दाेनों प्रमुख पार्टियों ने कमर कस ली है। 6 जून को मंदसौर में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की आमसभा के बाद 23 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मप्र के दौरे पर आ रहे हैं। हालांकि अभी प्रधानमंत्री के दौरे की आधिकारिक घाोषणा नहीं की गई है, लेकिन मप्र सरकार द्वारा पीएम के दौरे को लेकर तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं।

इंदौर में करेंगे 1600 बसों के संचानल की शुरुआत
- राजनैतिक व प्रशासनिक सूत्रों का कहना  है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मप्र दौरा 23 जून को लगभग तय है। इसके लिए तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। अपने दौरे के दौरान पीएम इंदौर के साथ ही राजगढ़ में जाएंगे।
- इंदौर में प्रधानमंत्री अमृत परियोेजना के तहत 1600 बसों के संचालन की शुरुआत करेंगे। यह बसें मप्र के 16 प्रमुख शहरों के मध्य चलाए जाने की योजना है। इसके अलावा मोदी राजगढ़ में सिंचाई परियोजना का शुभारंभ भी कर सकते हैं।

कांग्रेस के आक्रमक तेवर का असर
- राजनैतिक विश्लेषकों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मप्र दौरे का कार्यक्रम अचानक से तैयार किया गया है। कुछ दिनों पहले तक पीएम के मप्र दौरे की कोई हलचल नहीं थी, लेकिन मप्र में भड़के किसान आंदोलन और कांग्रेस का शिवराज सिंह चौहान सरकार पर लगातार हमले करने से राजनैतिक माहाैल कांग्रेस के पक्ष में झुकता दिखाई दे रहा है। इस स्थिति से निपटने के लिए प्रधानमंत्री के मप्र के दौरे की योजना भाजपा के रणनितिकारों द्वारा तैयार की गई है।

क्यों आ रहे हैं राहुल गांधी
- मप्र के मंदसौर में 6 जून 2017 को किसान आंदोलन के दौरान 6 किसानों की मौत हो गई थी। घटना को एक साल होने वाले हैं। कांग्रेस इसके जरिए मप्र के किसानों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है। इसी को देखते हुए राहुल गांधी गोलीकांड की बरसी पर मंदसौर पहुंच रहे हैं, वे यहां एक सभा को संबोधित करेंगे। कांग्रेस को उम्मीद है कि राहुल गांधी के मंदसौर दौरे से कांग्रेस को और  मजबूती मिलेगी।

मतदाता सूची मामले में भी भाजपा बैकफुट पर
- मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को चुनाव आयोग से मप्र में बड़े पैमााने पर फर्जी मतदाता सूची तैयार करने की शिकायत चुनाव आयोग से की थी। कांग्रसे की शिकायत पर चुनाव आयोग ने दो जांच दल का गठन कर उन्हें जांच के लिए सोमवार को भोपाल भी भेज दिया है। इस मामले में भी कांग्रेस द्वारा भाजपा पर निशाना साधा जा रहा है। मतदाता सूची में फर्जीवाड़े की शिकायत पर चुनाव आयोग द्वारा जांच दल भोपाल भेजने से इस पूरे मामले में भाजपा बैकफुट पर आ गई है। इस स्थिति से उबरने के लिए भाजपा द्वारा नरेन्द्र मोदी के मप्र दौरे की योजना तैयार की गई है।

हार्दिक भी सभा करने के लिए अड़े
- किसान नेता हार्दिक पटेल को किसान आंदोलन को देखते हुए सभा की परमिशन नहीं देने का मुद्दा गरमा गया है। हार्दिक ने परमिशन के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हार्दिक का कहना है कि कुछ भी हाे जाए हम सभा तो करके रहेंगे। बता दें कि हार्दिक पटेल जबलपुर और सतना सहित प्रदेश के कई जिलों में सभा करना चाह रहे हैं।