Friday, October 5, 2018

आज की पांच बड़ी ख़बरें: मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह कांड मामले में कंकाल बरामद

मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह में यौन शोषण की जांच के दौरान सीबीआई को मानव कंकाल मिले हैं. बताया जा रहा है कि यह कंकाल बालिका गृह से ग़ायब लड़की की है.
मामले के अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर के पूर्व ड्राइवर विजय तिवारी के बयान पर सीबीआई ने पास के श्मशान घाट में खुदाई करवाई थी, जिसमें कंकाल बरामद हुए हैं.
विजय तिवारी ने सीबीआई से कहा था कि बालिका गृह में एक बच्ची की मौत हो गई थी, जिसके बाद ब्रजेश ठाकुर के इशारे पर उसे सिकंदरपुर घाट श्मशान में दफ़न कर दिया गया था.
पांच घंटे चली खुदाई के बा
रफ़ाल विवाद पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने सरकार का बचाव किया है. उन्होंने बुधवार को कहा कि यह सौदा भारतीय रक्षा बल के लिए अच्छा पैकेज है.
द बरामद कंकाल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है.
उन्होंने यह भी कहा कि यह लड़ाकू विमान सामरिक लिहाज से उपमहाद्वीप के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा.
उन्होंने रफ़ाल डील पर उठे सवालों के जवाब में कहा कि विमान निर्माता कंपनी की ओर से भारतीय साझेदार चुने जाने में सरकार और वायु सेना की कोई भूमिका नहीं थी.
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड की परियोजनाओं के लेट होने के चलते नए पार्टनर की ज़रूरत महसूस हुई. वायु सेना प्रमुख ने यह नई दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा.
भारत गुरुवार को सात रोहिंग्या प्रवासियों को उनके घर म्यांमार वापस भेजेगा. ये अवैध रूप से पूर्व राज्य असम में रह रहे थे.
पिछले साल म्यांमार में हुई हिंसा के बाद बड़े स्तर पर रोहिंग्या मुसलमानों का देश से पलायन हुआ था. इस घटना के बाद यह पहली दफ़ा है जब भारत इस तरह की कार्रवाई करेगा.रत और वेस्टइंजीज के बीच पहला टेस्ट मैच गुरुवार से शुरू होगा. दो टेस्ट मैचों की सिरीज़ से पृथ्वी शॉ अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज करेंगे.
साल 2013 में मुंबई में 546 रनों की पारी खेल कर पृथ्वी शॉ रातों रात स्टार बने थे. भारत के दौरे पर मेहमान वेस्टइंडीज टीम सात हफ़्तों के बीच भारत के ख़िलाफ़ दो टेस्ट, पांच वनडे और तीन टी-20 इंटरनेशनल मैच खेलेगी.ज्ञानिकों का कहना है कि उन्हें पहली बार सौर मंडल के बाहर एक चंद्रमा मिला है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक ये चंद्रमा करीब आठ हज़ार प्रकाश वर्ष दूर है.
ये चंद्रमा नेप्च्यून के आकार का है.
अमरीका के दो रिसर्चर्स ने इसे हबल टेलीस्कोप की मदद से देखा.
उनका मानना है कि वहां और भी चंद्रमा हो सकते है, लेकिन आकार छोटा होने की वजह से इन्हें टेलीस्कोप से नहीं देखा जा सका.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ी ही चालाकी से राम मंदिर के विवादास्पद मुद्दे को चुनाव मैदान में उछाल दिया है.
उन्होंने साफ़ लफ्ज़ों में हिंदू संत समाज से इस मुद्दे को उठाने की अपील की है, भले ही इससे सुप्रीम कोर्ट के किसी आदेश या संविधान के किसी प्रावधान का उल्लंघन होता हो.
ये घटनाक्रम अब ज़रा भी हैरान नहीं करता.
भारतीय जनता पार्टी के लिए राजनीतिक फ़िज़ा जिस तरह से ख़राब हो रही है, इस बात को ध्यान में रखते हुए सत्ता में वापसी के लिए भाजपा को हर दांव चलने की ज़रूरत है.
साल 2014 में मिली क़ामयाबी को फिर से दोहरा पाने के आसार कम ही दिखाई देते हैं.हन भागवत सोमवार को हरिद्वार में बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ में बोल रहे थे.
बाबा रामदेव अब एक कामयाब कारोबारी हैं. कारोबारी दुनिया की ख़बरें देने वाले अख़बारों के मुताबिक़ पतंजलि के प्रबंध निदेशक बालकृष्ण ने ये दावा किया है कि उनकी कंपनी ने 2016-17 के वित्तीय वर्ष में 10,561 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया.
लेकिन जहाँ एक तरफ़ मोहन भागवत ये कहते हैं कि साधुओं को अगुवाई करनी चाहिए, वहीं हज़ारों किसान खेती-किसानी के मुद्दे पर सरकार की उदासीनता के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के लिए दिल्ली की तरफ़ कूच कर रहे थे.
वे राजधानी में दाख़िल न हो सकें, इसलिए पुलिस ने पानी की बौछारों और आँसू गैस के गोलों से उन्हें रोकने की कोशिश की.
वहीं महाराष्ट्र में किसानों ने टमाटर की फसल खेत में ही छोड़ दी क्योंकि इसकी कीमतें उनकी लागत से भी काफ़ी कम हो गई थीं.
बाक़ी देश में ख़ूनी भीड़ की दरिंदगी और वर्दी पहने पुलिसवालों के हाथों हत्याओं का सिलसिला बेरोकटोक जारी है.
सुप्रीम कोर्ट ने ये संकेत दिया है कि राम मंदिर विवाद पर एक फ़ैसला आने वाले वक्त में कभी भी आ सकता है.
लेकिन ये दिखाई देता है कि मोहन भागवत इस फ़ैसले का इंतज़ार नहीं करना चाहते.
वे कहते हैं कि हिंदू संत समाज पर सरकार की तरह कोई बंदिश नहीं है और उन्हें राम मंदिर के मुद्दे को आगे बढ़ाना चाहिए.
मोहन भागवत का ये बयान एक खुला निमंत्रण है कि भगवा पहने हिंदू संत समाज आगे आकर नेतृत्व करे.
एक ऐसे वक़्त में जब इसी संत समाज के दो प्रमुख लोग आसाराम और दाती महाराज पर अपनी महिला भक्तों के बलात्कार का सामना कर रहे हैं.
ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि पाँच अक्तूबर को दिल्ली में राम मंदिर के मुद्दे पर संतों-धर्माचायों की उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक होने जा रही है.
ये संकेत मिल रहे हैं कि अलग-अलग मठों और पंथों के धर्म गुरुओं को इस मुहिम की अगुवाई दी जा सकती है.
मोहन भागवत ने ये भी कहा है कि विपक्ष में किसी के पास इतना माद्दा नहीं होगा कि कोई राम मंदिर का निर्माण रोक सके.
वे न केवल बड़ी चालाकी से इस तथ्य को उलझा रहे थे कि विवाद राम मंदिर के निर्माण को लेकर नहीं है बल्कि उस जगह पर इसके निर्माण को लेकर है जहाँ साल 1992 में उनके समर्थकों और अनुयायियों ने बाबरी मस्जिद को जमींदोज़ कर दिया था.
उन्हें इस बात का भी आसरा है कि कांग्रेस पार्टी इन दिनों 'नरम हिंदुत्व' की अपनी राजनीति को चमकाने में मसरूफ़ है.

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