Monday, June 10, 2019

युवराज सिंह: बल्ले की 'दहाड़' से संन्यास के 'आंसुओं' तक

वराज सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की है. 2007 टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप में जीत के हीरो रहे युवराज सिंह ने मुंबई के साउथ होटल में एक प्रेस कॉन्फ्रेस में अपने संन्यास का ऐलान किया.
37 वर्षीय युवराज सिंह ने भारत के लिए अपना आखिरी वनडे मैच 30 जून 2017 को वेस्टइंडीज के ख़िलाफ़ खेला था.
युवी ने अपना आखिरी टी-20 मैच 1 फ़रवरी 2017 को इंग्लैंड के ख़िलाफ़ खेला. जबकि आखिरी टेस्ट मैच दिसंबर 2012 में इंग्लैंड के ही ख़िलाफ़ खेला था.
बीते दो सालों में युवराज सिंह ने भारत के लिए किसी भी फॉर्मेट में क्रिकेट नहीं खेला है.
अपने संन्यास की घोषणा करते हुए युवराज ने क्रिकेट के मैदान से जुड़ी अपनी यादों को ताज़ा किया.
क्रिकेट के मैदान में सबसे अनमोल तीन मैचों के बारे में युवराज में बताया.
युवराज ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी तीन सबसे बेहतरीन पारियों में, 2011 में विश्व कप जीतना, 2007 टी20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ एक ओवर में लगाए गये छह छक्के और 2004 में लाहौर में बनाया अपना पहला टेस्ट शतक को बताया.

'कैंसर होना आसमान से ज़मीन पर गिरने जैसा'

संन्यास का ऐलान करते हुए भावुक युवराज ने कहा, "मैं बचपन से ही अपने पिता के नक्शेकदम पर चला और देश के लिए खेलने के उनके सपने का पीछा किया. मेरे फैन्स ने हमेशा मेरा समर्थन किया. मेरे लिए 2011 वर्ल्ड कप जीतना, मैन ऑफ़ द सिरीज़ मिलना सपने की तरह था. इसके बाद मुझे कैंसर हो गया. यह आसमान से ज़मीन पर आने जैसा था. उस वक्त मेरा परिवार, मेरे फैन्स मेरे साथ थे."
उन्होंने कहा, "एक क्रिकेटर के तौर पर सफ़र शुरू करते वक्त मैंने सोचा नहीं था कि कभी भारत के लिए खेलूंगा. लाहौर में 2004 में मैने पहला शतक लगाया था. टी-20 वर्ल्ड में 6 गेंदों में 6 छक्के लगाना भी यादगार था."
इस दौरान युवराज ने 2014 के टी20 वर्ल्ड कप फ़ाइनल में श्रीलंका के ख़िलाफ़ 21 गेंद में 11 रन बनाने को अपना सबसे ख़राब प्रदर्शन बताया.
उन्होंने कहा, "2014 में टी-20 फ़ाइनल मेरे जीवन का सबसे ख़राब मैच था. तब मैंने सोच लिया था कि मेरा क्रिकेट करियर ख़त्म हो गया है. तब मैं थोड़ा रुका और सोचा कि क्रिकेट खेलना शुरू क्यों किया था. फिर मैं वापस घरेलू क्रिकेट में गया और बहुत मेहनत की. फिर मैंने तीन साल बाद वनडे क्रिकेट में वापसी की क्योंकि मैंने कभी खुद में विश्वास करना नहीं छोड़ा."
2017 में युवराज सिंह ने क्रिकेट के मैदान में तीन साल के बाद वापसी की और अपने करियर की सबसे बड़ी पारी (150 रन) खेली.
युवराज ने कहा, "डेढ़ साल बाद मैंने टी-20 में वापसी की. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ आखिरी ओवर में छक्का लगाया. 3 साल बाद मैंने वनडे में वापसी की. 2017 में कटक में मैंने 150 रन बनाए, जो मेरे करियर का सबसे बड़ा वनडे स्कोर है."
इस दौरान युवराज ने अपने माता-पिता और पत्नी के साथ-साथ क्रिकेट के मैदान से जुड़े कई लोगों को धन्यवाद दिया.
उन्होंने कहा, "मैंने सौरव गांगुली की कप्तानी में खेलना शुरू किया. फिर मैंने राहुल द्रविड़, जवगल श्रीनाथ जैसे क्रिकेटर्स के साथ खेला. आशीष नेहरा, भज्जी जैसे दोस्त मिले."
उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा खुद पर भरोसा रखा. यह मायने नहीं रखता कि दुनिया क्या कहती है. मैंने सौरव की कप्तानी में करियर शुरू किया था. सचिन, राहुल, अनिल, श्रीनाथ जैसे लीजेंड के साथ खेला. जहीर, वीरू, गौतम, भज्जी जैसे मैच विनर्स के साथ खेला."
"महेंद्र सिंह धोनी जैसे कप्तान और गैरी कर्स्टन जैसे सबसे नायाब कोच के साथ मुझे खेलने का मौका मिला."
संन्यास के फैसले को लेकर पूछे गए सवाल पर युवराज ने कहा, "सफलता भी नहीं मिल रही थी और मौके भी नहीं मिल रहे थे. 2000 में करियर शुरू हुआ था और 19 साल हो गए थे. उलझन थी कि करियर कैसे ख़त्म करना है. सोचा कि पिछला टी-20 जो जीते हैं, उसके साथ ख़त्म करता तो अच्छा होता, लेकिन सब कुछ सोचा हुआ नहीं होता. जीवन में एक वक्त आता है कि वह तय कर लेता है कि अब जाना है."
उन्होंने कहा, "मेरे करियर का सबसे बड़ा लम्हा 2011 वर्ल्ड कप जीतना था. जब मैंने पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 84 रन बनाए थे, तब वह करियर का बड़ा मोड़ था. इसके बाद कई मैच में फेल हुआ, लेकिन बार-बार मौके मिले. मैंने कभी 10 हज़ार रन के बारे में नहीं सोचा था, लेकिन वर्ल्ड कप जीतना ख़ास था. मैन ऑफ़ द सिरीज़ रहना, 10 हज़ार रन बनाना, इससे ज़्यादा ख़ास वर्ल्ड कप जीतना था. यह केवल मेरा नहीं, बल्कि पूरी टीम का सपना था."
वनडे क्रिकेट में युवराज सिंह ने 304 मैचों में 36.56 की औसत से 14 शतक और 52 अर्धशतकों समेत 8701 रन बनाए और 111 विकेट चटकाये.
टी20 क्रिकेट में युवराज ने भारत के लिए 58 मैचों में आठ अर्धशतकों समेत 1177 रन बनाए. इस फॉर्मेट में युवी 136.38 की स्ट्राइक रेट से खेले.
युवराज को अपने करियर में केवल 40 टेस्ट खेलने का मौका मिला और इस दौरान उन्होंने 33.93 की औसत से 1900 रन बनाये.

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